ये पूर्णिया नगर निगम… नाम बड़े और दर्शन छोटे.. सलाना करोड़ों रुपयों का मुनाफा कमाने वाली नगर निगम में बाबू मस्त और जनता पस्त..एक अर्जी के लिए भी 100/50 मांगते है बाबू…सिर्फ अफसरों के घरों एवं बंगलों तक ही मच्छड़ों का प्रकोप है…इसलिए जनता कहती है…माल महराज के और मिर्जा खेले होली…पढ़ें पूरी खबर

पूर्णिया-06 अगस्त(राजेश कुमार झा)सलाना करोड़ों रुपए का मुनाफा कमाने वाली पूर्णिया नगर निगम में बाबू मस्त एवं जनता पस्त.क्योंकि ये पूर्णिया नगर निगम है.नाम बड़े और दर्शन छोटे बताते चलें कि पिछले रविवार को लगातार साढ़े तीन घंटे की बरसात ने इस करोड़ों रुपया मुआफा कमाने वाली नगर निगम की पूरी पोल खोल दी है.क्योंकि नगर निगम को ये तक पता नहीं है कि शहर में कितने घरों में पानी घुसा. कितने लोग घर छोड़ होटल एवं रिश्तेदारों के यहां शरण लिए. लेकिन दूसरी तरफ शहर की हालात में नगर निगम पूरी तरफ अपना पीठ थपथपा रही. कई मोहल्ले के लोगों ने बिफोरप्रिंट डिजिटल से बात करते हुए बताया कि जिस तरह नगर निगम के बाबुओं, मेयर,डिप्टी मेयर एवं वार्ड पार्षदों ने शहर की हालात को नजर अंदाज किया है.उसी तरह आने वाले चुनाव में जनता नजर अंदाज करेगी. क्योंकि बिना रिश्वत दिए कोई काम ही नहीं होता है.बिना बाबुओं के जेब गर्म किए कुछ भी नहीं होता है नगर निगम में.एक मामूली अर्जी देने में भी 100/50 मांगते है नगर निगम के बाबू.फिलहाल इस बरसात ने नगर निगम को नरक निगम बना दिया है.जल जमाव से गंदगी और मच्छड़ों का प्रकोप बढ़ा दिया है.यहां तक कि धुंआ छिड़काव की मशीन भी जिला प्रशासन के अफसरों के घरों तक ही सीमित रहती है.जनता को तो महीने दो महीने में कभी कभार धुंआ का दर्शन हो जाता है.लेकिन अफसरों के घरों एवं बंगलों पर हर दिन धुंआ का छिड़काव होता है.जिसे नगर निगम की जनता देख कर ये जरूर कहती है…माल महराज के और मिर्जा खेले होली